पोल्ट्री वैली की स्थापना

लाभ
परियोजना में प्रत्येक किसान 3 चक्रों में प्रतिवर्ष 750 चूजों का पालन करेगा। 500 एक दिवसीय चूजे पशुपालन विभाग राज्य सेक्टर के बजट से MPACS के माध्यम से उपलब्ध करायेगा व आखिरी 250 चूजों का बैच किसान स्वयं वहन करेगा।
सहाकरिता विभाग ब्याज मुक्त ऋण पोल्ट्री शेड व चूजों के पालन-पोषण हेतु उपलब्ध करायेगा।
पात्रता/ लाभार्थी कौन होंगे
लाभार्थी का सहकारी समिति एम-पैक्स का सदस्य होना अनिवार्य है। महिला लाभार्थी को वरीयता।
लाभार्थी पर एम-पैक्स या किसी भी बैंक का ऋण नहीं होना चाहिए तथा न ही बकायादार होना चाहिए।
चयनित लाभार्थी दीनदयाल उपाध्याय कृषि कल्याण योजना का एमटी एवं एसटी लोन लेने के पात्र हो।
पात्र उम्मीदवार के पास अपनी जमीन या पट्टे की जमीन होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया एवं चयन प्रक्रिया
लाभार्थी को आवेदन सहाकरिता विभाग व पशुचिकित्साधिकारी के माध्यम से करना पडे़गा। आवेदन के साथ आधार कार्ड, बैंक खाता, जमीन संबंधी खाता खतौनी/दाखिल खारिज/रजिस्ट्री/ पट्टे संबंधी दस्तावेज, किसी बैंक से बकायेदार न होने का प्रमाण पत्र/शपथ पत्र संलग्न करना होगा।
लाभार्थी:
उत्तराखंड सहकारी समिति-mPACS के सदस्य
लाभ:
लो इनपुट टेक्नोलॉजी पोल्ट्री पक्षियों के 250 क्षमता वाले फार्मों की स्थापना